NEERAJ CHOPRA BIOGRAPHY IN HINDI FOR DUMMIES

Neeraj Chopra Biography in Hindi for Dummies

Neeraj Chopra Biography in Hindi for Dummies

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आज हम एक ऐसे ही इंसान की जीवन गाथा लेकर आये है जिन्होंने प्रतिज्ञा की आंच पर खुद को तपा कर सोने में ढाल लिया और देश का नाम गौरवान्वित किया। जी हाँ उस महान इंसान का नाम है भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा।

जानें जैवलिन थ्रो करने का तरीका और क्या हैं इसके नियम?

एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप गोल्ड मेडल

टोक्यो ओलंपिक की पुरुष भाला फेंक स्पर्धा में जिस वक्त नीरज चोपड़ा ने अपना आखिरी थ्रो फेंका, ठीक उसी पल से उन्होंने इतिहास के पन्नों में अपनी कामयाबी को दर्ज कराने के लिए एक और जगह पक्की कर ली।

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नीरज चोपड़ा सूबेदार के पद पर रहते हुए भी अपने खेल के अभ्यास को किया करते थे।

कॉलेज / यूनिवर्सिटी: डीएवी कॉलेज, चंडीगढ़

लेकिन जब जर्मनी के पेशेवर जैवलिन एथलीट उवे होन ने ’वर्ल्ड चैंपियनशिप’ में ’वर्ल्ड रिकॉर्ड’ बनाया, तो उनको देखकर उनकी महत्वाकांक्षाएं और अधिक बढ़ गई.

नीरज चोपड़ा के कोच – नीरज चोपड़ा अपने खेल में निखार के लिए बहुत कठिन परिश्रम करते है ,इस काम में उनके व्यक्तिगत कोच ‘उवे होन’ जो प्रसिद्ध जेवलिन थ्रो प्लेयर रह चुके है ने उनकी बहुत मदद की है। सही मार्गदर्शन की बदौलत ही वो टोक्यों ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीत सके।

आर्मी में जॉब मिलने से खुश नीरज ने एक इंटरव्यू में कहा था कि, मेरे परिवार में आज तक किसी को सरकारी नौकरी नहीं मिली है, मैं अपने संयुक्‍त परिवार का पहला सदस्‍य हूं जो सरकारी नौकरी करने जा रहा हूं, यह हमारे परिवार के लिए बहुत खुशी की बात है। इससे मैं अपनी ट्रेनिंग जारी रखने के साथ-साथ अपने परिवार की आर्थिक मदद भी कर सकता हूं।

नीरज चोपड़ा ने अपनी इस बुलंदी तक पहुंचने के लिए अनेकों प्रकार के प्रशिक्षण प्राप्त किए और नीरज चोपड़ा ने जर्मनी के दिग्गज जैवलिन थ्रो खिलाड़ी उवे होन के अंतर्गत रहकर सीखा। नीरज चोपड़ा here ने जिस कोच से जैवलिन थ्रो सीखा था, वह एक सेवानिवृत्त जर्मनी ट्रैक और फील्ड एथलीट थे, जिन्होंने भाला फेंकने में भाग लिया था।

जोहान्स वेटर फाइनल में भी नीरज चोपड़ा को चुनौती देने में सफल नहीं हो सके; जर्मन एथलीट को काफी संघर्ष करना पड़ा और वह अंतिम आठ में जगह बनाने में असफल रहे। वहीं, चोपड़ा का प्रदर्शन शुरू से अंत तक शीर्ष स्तर का रहा।

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